एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाए | Aeronautical Engineering me career kaise banaye

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर - हमें बचपन में विमान, स्पेसशिप के बारेमे जानने की बड़ी इच्छा होती थी और ये सब बाबत बड़ी आकर्षित करती है। तो आप एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने का स्वप्न देख सकते हो। Aeronautical Engineering में Career बनाने के लिए आपको जरूरी योग्यता, कोर्स, फीस इत्यादि के बारेमे इस पोस्ट में बहोत अच्छे से माहिती मिलेगी तो आप इस पोस्ट को पूरी जरूर पढ़े।

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Aeronautical Engineering kya hai ?

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग ये एक डिजाइन, विमान संचालन तकनीक, फ्लाइट मशीन डिजाइन इत्यादि के बारेमें वैज्ञानिक अभ्यास है। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के अभ्यास का मुख्य उद्देश व्यापारी विमान के महत्व प्रदर्शन के लिए व्यवसायिक विमान की रचना, उत्पादन, विश्लेषण और परीक्षण है। एरोस्पेस ऐंजिनियर्स है जो उच्च कक्षा के विमान, उपग्रह, मिसाइल और अवकाशयान जैसे उपकरण की रचना और निर्माण के लिए विस्तृत संशोधन करते है।

व्यवसायिक उड्डयन, अवकाश संशोधन और संरक्षण प्रणाली की असरकारक कामगिरी के लिए आधुनिक तकनीकी का विकास एरोनॉटिकल इंजीनियर्स द्वारा किए जाते है। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग स्नातक को एरोडायनेमिक्स, एरोस्पेस मटिरियल्स, स्ट्रक्चर्स, फ्लाइट मिकेनिक्स और नियंत्रण का संपूर्ण ज्ञान होता है।

Aeronautical Engineering Course क्यों करना चाहिए ?

चल रहे सालो में अवकाश मिशन प्रोजेक्ट्स में बहोत बढ़ोतरी हुई है, इससे नए अवकाश उपकरण का विकास की जरूरियात भी बड़ी है इस कारण एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की मांग बहोत बढ़ गई है और इससे एरोस्पेस एरोनॉटिकल इंजीनियरो में करियर की बहोत ज्यादा अवसर है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, मिसाइल और विमान संचालन, उत्पादन जैसे क्षेत्रों में छात्र को संपूर्ण और सघन तालीम दी जाती है। सरक्षण और अवकास विज्ञान के क्षेत्र में विमान सामग्री ऐंजिनियर्स जो आधुनिक अवकास उपकरणों का उत्पादन, डिजाइन, परीक्षण और संचालन कर सके वो बहोत जरूरी है।

एरोनॉटिकल इंजीनियर योग्यता (Aeronautical Engineering Education Qualification)

इंजीनियरिंग के कोर्स में एरोनॉटिकल ऐंजिनियरिंग कोर्स की बहोत मांग करनेवाला विकल्प है।एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए उम्मीदवार को भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र और गणित बहोत अच्छे से आना जरूरी है। ये कोर्स करने के लिए उम्मीदवार 12वि कक्षा में भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र और गणित विषय के साथ पास होना चाहिए।

टॉप एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स (Top Aeronautical Engineering Course)

  • Aeronautical Diploma Course
  • BE, B.Tech in Aeronautical Engineering
  • ME, M.Tech in Aeronautical Engineering
  • PHD in Aeronautical Engineering

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश प्रक्रिया (Aeronautical Engineering Admission Process)

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में BE, B.Tech जैसे Graduate कोर्स में प्रवेश लेने के लिए छात्र को JEE Mains एग्जाम देनी होगी और M.Tech जैसी Post Graduate कोर्स के लिए उम्मीदवार को GET की एग्जाम देनी होगी।

तमाम NIT और IIT में Aeronautical Engineering के Course उपलब्ध है। भारत की अन्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के कोर्स उपलब्ध करती है।

PG Course के लिए अंडर ग्रेज्युएट कोर्स और GET एग्जाम के लिए JEE Mains Exam जरूरी है। इसके अलावा अन्य युनिवर्सिटी और संस्थाएं भी छात्र को प्रवेश के लिए Entrence Exams लेते है।

Top Aeronautical Engineering in India

  • IIT, Bombay
  • IIT, Khadagpur
  • IIT, Chennai
  • IIT, Kanpur
  • Manipal institute of technology
  • Anna University

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर विकल्प
(Aeronautical Engineering Career Options)

एरोनॉटिकल इंजीनियर्स के लिए करियर के बारेमे बात करे तो वोह ISRO (भारतीय अवकास संशोधन संगठन) और संरक्षण मंत्रालय में सरलता से नोकरी प्राप्त कर सकते है। Aeronautical Engineering में Graduate Degree करने के बार कोई भी व्यक्ति आकर्षक वेतन पैकेज के साथ राष्ट्रीय एरोनॉटिकल लेबोरेट्रीज, नागरिक उड्डयन विभाग, Hindustan Aeronautical Limited (HAL), संरक्षण संशोधन और विकास प्रयोगशाला (DRDO) जैसी नामांकित संस्थाओं के साथ काम कर सकते है।

एरोनॉटिकल इंजीनियर्स में करियर की संभावनाए बहोत तेजस्वी है और आगे अच्छे भविष्य की संभावना है। भारत के अलावा Aerospece Engineer विदेश में जैसे USA, France, UK और Germany जैसे देशों में भी नोकरी प्राप्त कर सकते है। NASA और AIRBUS जैसी प्राइवेट कंपनियां में संशोधन केंद्र में Aerospece Engineer की बड़ी मांग है।

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के बाद नोकरी ( Jobs After Aeronautical Engineering)

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में रोजगार के अवसर अलग अलग क्षेत्रो में होते है और उम्मीदवार की पसंदगी उसकी कुशलता और योग्यता के आधार पर होती है। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के बाद छात्र नीचे दिए गए सस्थाओंमे नोकरी प्राप्त कर सकते है।
  • ISRO, NASA जैसे अवकाश संशोधन केंद्र
  • Aeronautical Development Aistablishment
  • Aeronautical Laboratories
  • विमान उत्पादक कंपनिया
  • एयरलाइंस
  • संरक्षण संशोधन और विकास संगठन
  • संरक्षण सेवाए
  • नागरिक उड्डयन विभाग
  • Flying Club
  • सरकारकी मालिकी की हवाई सेवाएं
  • प्राइवेट एयरलाइंस

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के बाद सैलेरी (Aeronautical Engineer salary)

एरोनॉटिकल इंजीनियर को सरेरास प्रारंभिक सैलेरी लगभग वार्षिक 25 लाख रुपिया मिलते है, वोह उमीदवार के अनुभव, कुशलता और प्रतिभा, योग्यता और संगठन के आधार पर बढ़ोतरी होकर 50 लाख रुपिया तक हो सकती है। प्राइवेट संस्था में काम करनेवाले इजनेरो को संस्था के मेनेजमेंट द्वारा निर्धारित सैलेरी मिलती है और सरकारी क्षेत्र में एरोनॉटिकल इंजीनियर को ग्रेड ए, ग्रेड बी, जूनियर इंजिनियर और सहायक जैसे पगार धोरण निर्धारित होते है।